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kharna 2024 unbelievable ,खरना के पीछे की कहानी: आस्था, परंपरा और प्रसाद ?

kharna

kharna kya manate hai

kharna छठ पूजा का एक विशेष दिन है, जो छठ व्रत का दूसरा चरण होता है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ खरना के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है:

खरना का महत्व

  1. सूर्य देवता की पूजा: खरना के दिन व्रति (उपवासी) सूर्य देवता की विशेष पूजा करती हैं। यह दिन व्रति की भक्ति और आस्था को दर्शाता है।
  2. उपवास का समापन: यह दिन उपवास के अंत का प्रतीक है। व्रति दिनभर उपवास रखती हैं और शाम को विशेष प्रसाद तैयार करके सूर्य देवता को अर्पित करती हैं।

खरना की प्रक्रिया

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  1. उपवास: व्रति सुबह से लेकर शाम तक उपवास रखती हैं। इस दिन उन्हें केवल पानी पीने की अनुमति होती है।
  2. पकवान बनाना: शाम को व्रति विशेष पकवान तैयार करती हैं, जिसमें आमतौर पर शामिल होते हैं:
    • गुड़ की खीर: यह विशेष रूप से बनती है और इसे पकवान का मुख्य हिस्सा माना जाता है।
    • चावल: सफेद चावल को गुड़ के साथ पकाकर बनाया जाता है।
    • फल: केला, संतरा, और मौसमी फल जैसे आम आदि।
    • सब्जियाँ: कद्दू, मूली, और अन्य मौसमी सब्जियाँ भी पकाई जाती हैं।
  3. पूजन विधि:
    • व्रति सूर्य देवता की मूर्ति या चित्र के सामने बैठती हैं।
    • सभी तैयार किए गए पकवानों को सजाकर अर्पित करती हैं।
    • दीपक जलाकर, धूप और अगरबत्ती के साथ पूजा करती हैं।
    • पूजा के दौरान व्रति अपने परिवार की भलाई और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
  4. परिवार का एकत्र होना: खरना के अवसर पर परिवार के सभी सदस्य एकत्र होते हैं। पूजा के बाद, सभी मिलकर प्रसाद का सेवन करते हैं।
  5. संगीत और नृत्य: इस अवसर पर पारंपरिक गीत गाए जाते हैं और कई बार नृत्य भी किया जाता है, जिससे उत्सव का माहौल और भी आनंदमय बन जाता है।

खरना के बाद

  • खरना के दिन के बाद, अगले दिन सूर्य देवता को अर्घ्य देने की तैयारी की जाती है। यह छठ पूजा का अंतिम दिन होता है और इसमें सूर्य को अर्घ्य देने के लिए विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं।

kharna विशेष बातें

  • खरना के दिन किए गए उपवास और पूजा का विशेष महत्व है। इसे एक प्रकार की साधना माना जाता है, जो श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है।
  • इस दिन का भोजन विशेष रूप से शुद्ध और सात्विक होता है, जिसमें कोई भी तामसी भोजन नहीं होता है। खरना छठ पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भक्तों की आस्था और परंपरा को दर्शाता है

kharna prasad का महत्व

kharna
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खरना प्रसाद छठ पूजा के दौरान बनने वाले विशेष पकवानों में से एक है, जिसे व्रति सूर्य देवता को अर्पित करती हैं। यह प्रसाद विशेष रूप से शुभ माना जाता है और इसमें आमतौर पर निम्नलिखित सामग्री शामिल होती है:

1. गुड़ की खीर:

  • गुड़ को दूध और चावल के साथ पकाकर बनाई जाती है। यह प्रसाद बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट होता है।

2. चावल:

  • सफेद चावल को गुड़ के साथ पकाया जाता है। इसे खासतौर पर खीर के साथ परोसा जाता है।

3. फल:

  • खरना के प्रसाद में मौसमी फल शामिल होते हैं, जैसे:
    • केला
    • संतरा
    • आम
    • सेब

4. सब्जियाँ:

  • कुछ व्रति विशेष सब्जियाँ भी बनाती हैं, जैसे:
    • कद्दू
    • मूली
    • चुकंदर

5. पकवान:

  • कई स्थानों पर व्रति विशेष तरह के स्नैक्स या मिठाइयाँ भी बनाती हैं, जैसे:
    • तिल के लड्डू
    • चिरोटे (तले हुए मिठाई)

kharna प्रसाद का महत्व:

  • आस्था: खरना का प्रसाद व्रति की भक्ति और आस्था का प्रतीक होता है।
  • सामाजिकता: इसे परिवार और मित्रों के बीच साझा किया जाता है, जो एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है।
  • शुद्धता: खरना के प्रसाद को शुद्ध और सात्विक सामग्री से बनाया जाता है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है।

kharna kyo hota hai

खरना छठ पूजा का एक विशेष दिन है, जिसका प्रमुख उद्देश्य सूर्य देवता की पूजा और उनकी कृपा प्राप्त करना होता है। यहाँ कुछ मुख्य कारण बताए जा रहे हैं कि खरना क्यों मनाया जाता है:

1. सूर्य देवता की आराधना:

खरना का मुख्य उद्देश्य सूर्य देवता की पूजा करना है। सूर्य को जीवनदाता और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। व्रति इस दिन सूर्य देवता से समृद्धि, स्वास्थ्य और परिवार की भलाई की कामना करती हैं।

2. उपवास का समापन:

kharna का दिन उपवास के दूसरे चरण का समापन होता है। इस दिन व्रति दिनभर उपवास रखती हैं और शाम को विशेष प्रसाद तैयार करके सूर्य देवता को अर्पित करती हैं। यह प्रक्रिया उपवास के सम्मान और भक्ति को दर्शाती है।

3. परिवारिक एकता:

kharna के अवसर पर परिवार के सभी सदस्य एकत्र होते हैं। यह पर्व परिवार के बंधनों को मजबूत करने और आपसी प्रेम को बढ़ाने का एक अवसर होता है। सभी मिलकर पूजा करते हैं और प्रसाद का सेवन करते हैं।

4. प्रकृति से जुड़ाव:

खरना और छठ पूजा का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह प्रकृति और पर्यावरण के प्रति सम्मान प्रकट करता है। सूर्य, जल, और पृथ्वी की पूजा करने से व्यक्ति का प्रकृति के प्रति सम्मान बढ़ता है।

5. सामाजिकता और संस्कृति:

खरना जैसे पर्व समाज में एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह अवसर लोगों को एक साथ लाता है और पारंपरिक गीत, नृत्य और भोजन साझा करने का मौका देता है।

इन सभी कारणों से खरना का पर्व विशेष महत्व रखता है। यह एक ऐसा अवसर है जो आस्था, परिवारिक बंधनों और सामाजिक सामंजस्य को प्रोत्साहित करता है।

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